पंजाब में चुनावी मौसम आते ही राजनीतिक तापमान खासा गर्मा गया है। इस बार मुकाबला कांग्रेस बनाम अकाली न होकर त्रिकोणीय हो चला है। पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने बागी होकर अपनी अलग पार्टी बना डाली है जिससे कांग्रेस को सीधा नुकसान होता नजर आ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब का धुआंधार दौरा कर कांग्रेस की मुसीबतों में इजाफा कर रहे हैं। उनके निशाने पर सत्तारूढ़ कांग्रेस है। राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी लेकिन केजरीवाल के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दे सत्ता में बने रहने का पूरा प्रयास करते नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों केजरीवाल अपने साथ एक लाख बिजली के ऐसे बिल लेकर पंजाब आ धमके जिनमें दिल्ली के उपभोक्ताओं को कोई पैसा सरकार को नहीं देना है। यानी ‘जीरो बिल’। केजरीवाल ने चन्नी को चुनौती देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ऐसे एक हजार बिल दिखा दे जिसमें पंजाब के उपभोक्ता को कुछ न देना हो। चन्नी ने इसके जवाब में केजरीवाल से दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम जनता को बताने की बात कह डाली। गौरतलब है कि पंजाब में दिल्ली से 9 रुपया कम पेट्रोल-डीजल की कीमत है। चन्नी के इस वार से बिलबिलाए केजरीवाल ने तुरंत दिल्ली में दाम 8 रुपया घटा दिए। इसके बाद दिल्ली के स्कूलों का मुद्दा उठा। मनीष सिसोदिया ने अपने राज्य के स्कूलों की एक लिस्ट जारी कर चन्नी को चैलेंज दिया कि दिल्ली सरीखे स्कूल पंजाब में हैं तो लिस्ट जारी करो। इसके जवाब में पंजाब सरकार के मंत्री परगट सिंह ने राज्य के सरकारी स्कूलों का वीडियो बना सोशल मीडिया में डाल दिया। इसके बाद चन्नी ने केजरीवाल से प्रश्न कर दिया कि क्योंकर उनके मंत्रिमंडल में महिलाएं शामिल नहीं है। चन्नी मंत्रिमंडल में दो महिलाएं मंत्री हैं। कुल मिलाकर पंजाब में दोनों दल एक-दूसरे पर वार-प्रतिवार कर माहौल गर्माने में जुटे हैं।
तू डाल-डाल, मैं पात-पात
