बीते दस वर्षों से दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी गहरे संकट में बताई जा रही है। दिल्ली के सत्ता गलियारों में नाना प्रकार की अफवाहें तैर रही हैं। कहा-सुना जा रहा है कि आतिशी सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत का मंत्री पद से त्याग पत्र और आम आदमी पार्टी से गुडबॉय तो मात्र टेªलर है अभी कुछ और झटके लगने बाकी हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे गहलोत दरअसल आतिशी का मुख्यमंत्री बनना बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। विधानसभा चुनाव से मात्र दो माह पूर्व उन्होंने सरकार और पार्टी से त्याग पत्र दे न केवल केजरीवाल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि नाना प्रकार के आरोपों से घिरी पार्टी भीतर चरम पर जा पहुंची अंतर्कलह को भी सार्वजनिक कर डाला है। खबर गर्म है कि आने वाले दिनों में पार्टी के कुछ विधायक और राज्यसभा के एक या दो सांसद भी त्याग पत्र देकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी की पंजाब इकाई में भी भाजपा सेंधमारी करने जा रही है। यदि ऐसा हुआ तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने का दावा कर रही पार्टी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है।