चार बरस पूर्व जब यकायक ही पार्टी के दिग्गजों को परे धकेल योगी आदित्यानाथ उत्तर प्रदेश की गद्दी में बैठे थे तब इस महात्वाकांक्षी मठाधीश पर नकेल कसने की नीयत से भाजपा आलाकमान ने दिनेश शर्मा और केशव मौर्या को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया था। शर्मा तो अपनी सौम्यता के चलते योगी संग विवादों में कभी नहीं पड़ेए केशव मौर्या इन बीते चार बरसों में योगी से लगातार पंगा लेते रहे। अब इन्हीं केशव मौर्या के हाथ जबूत करने के लिए एक नए नेता लखनऊ में प्रवेश कर चुके हैं। गुजरात कैडर के रिटायर्ड आईएस अफसर अरविंद कुमार शर्मा ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के जरिए राजनीति में इन्ट्री लेकर प्रदेश के नेताओं में खलबली मचा दी है। जानकारों का दावा है कि पीएम मोदी के अति विश्वस्त अफसरों में एक रहे शर्मा को पार्टी आलाकमान ने न केवल योगी आदित्यानाथ से नाराज ब्राह्मण समाज को लुभाने के लिए कहा है कि बल्कि योगी की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर नकेल डालने का जिम्मा भी सौंपा है। शर्मा ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीवीआईपी मीरा बाई गेस्ट हाऊस के सबसे वीआईपी कमरे को अपना अस्थाई निवास बना बकायदा दरबार सजाना भी शुरू कर दिया है। खबर है कि वे इस कमरे में बैठे भाजपा के बडे़ नेताओं और विधायकों से उनकी समस्याएं सुनने लगे हैं। लखनऊ के सत्ता गलियारों में इस बात की भी खासी चर्चा है कि कभी प्रदेश की सत्ता का केंद्र रहे 4 कालीदास मार्ग का विशाल बंगला शर्मा को आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के सरकारी आवास से सटे इस बंगले में कभी प्रदेश के पूर्व सीएमए वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रहा करते थे।
योगी की नई मुसीबत
