हरियाणा में ‘कमल’ के मुरझाने की खबर इन दिनों भाजपा आलाकमान की नींद उड़ाने का काम कर रही है। बीते दस वर्षों से यहां की सत्ता में काबिज भाजपा वर्तमान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों मात खाती नजर आ रही है। भाजपा का प्रदेश संगठन कई गुटों में बंटा हुआ है और हर गुट का नेता खुद को अगली सरकार का सीएम चेहरा बता इस गुटबाजी को हवा देने का काम कर रहा है। हालात इतने खराब हैं कि मोदी-शाह वाली भाजपा ने वंशवाद की राजनीति और 75 बरस की उम्र बाद सेवानिवृत्ति जैसे अपने एजेंडे को यहां ताक पर रख कई बुजुर्ग नेताओं को मैदान में उतारा है। इसी प्रकार वंशवाद की राजनीति को पानी पी-पीकर कोसने वाले प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई की बेटी, किरण चौधरी की बेटी, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बेटे, पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी और एक अन्य पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे को टिकट देकर यह साफ कर दिया कि इस दफा हरियाणा में ‘कमल’ खिलाने के लिए वह हर किस्म का प्रयोग करने को तैयार है। हर प्रकार के प्रयोग बाद भी जमीनी हकीकत भाजपा के खिलाफ भारी जनाक्रोश की तरफ इशारा कर रही है। ऐसे में राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ‘कमल’ पर ‘हाथ’ का भारी रहना तय है।