दिल्ली की केजरीवाल सरकार में हुए बड़े सियासी उठा-पटक के बाद यह चर्चा भी जोरों पर है कि क्या केजरीवाल अपनी कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री का पद बरकरार रखेंगे या मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के साथ इस पद की समाप्ति कर दी जाएगी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल अपने पार्टी के विस्तार के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार सक्रिय रहते हैं उस लिहाज से उपमुख्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी तो कैबिनेट के किसी सदस्य को मिल सकती है। लेकिन इतनी जल्दी यह जिम्मेदारी किसी कैबिनेट मंत्री को मिलेगी, यह मुश्किल लग रहा है। मनीष सिसोदिया के मुसीबत में फंसने के साथ केजरीवाल तुरंत किसी को उपमुख्यमंत्री बनाएं ऐसा लग भी नहीं रहा है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि मनीष सिसोदिया के बाद अब कोई भी उपमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कैबिनेट से न बने। दरसल छह मंत्रियों में से दो मंत्रियों के न होने से विकास कार्य बाधित हो रहे थे। इस वजह से दोनों मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार किए गए। ताकि पूर्ण कैबिनेट के साथ दिल्ली सरकार अपने विकास कार्यों को आगे बढ़ा सके। ऐसे में मंत्रिमंडल में दो विधायकों को शामिल करके संख्या तो पूरी हो सकती है। लेकिन उपमुख्यमंत्री जैसा पद अब किसी कैबिनेट मंत्री को मिलेगा इसकी संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है।
बरकरार रखेंगे उपमुख्यमंत्री का पद!
