बिहार विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत में प्रस्तावित हैं लेकिन राजनीतिक दलों का पाला बदलने की चर्चा अभी से शुरू हो गई है। इस चर्चा को बल मिला चिराग पासवान के दही-चूड़ा आमंत्रण से। जिसमें एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समय से पहले पहुंच कर सनसनी फैला दी थी तो वहीं पशुपति पारस के घर भोज के आमंत्रण पर लालू यादव अपने बेटे तेज प्रताप यादव के साथ पहुंच गए। पशुपति पारस के घर पहुंचे लालू यादव से जब मीडिया ने पशुपति पारस को महागठबंधन में शामिल करने पर सवाल किया तो उन्होंने हां में जवाब दिया, वहीं पशुपति पारस ने लालू को बड़ा भाई बताया। पशुपति ने महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर कहा कि लालू यादव से मेरा पारिवारिक रिश्ता है, वह हमारे सम्मानित नेता हैं। इसके बाद से राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं कि पशुपति पारस की पार्टी महागठबंधन में शामिल हो सकती है। हालांकि अभी पशुपति पारस एनडीए के साथ हैं। गौरतलब है कि चिराग पासवान का अपने चाचा पशुपति पारस से मनमुटाव जगजाहिर है। लोकसभा चुनाव में एनडीए में रहने के बावजूद पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। तभी से यह कहा जा रहा है कि पशुपति पारस की पार्टी अलग हो सकती है। ऐसे में लालू यादव से मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वो महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि पशुपति के एनडीए छोड़ने की खबरों के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पशुपति पारस एनडीए से नाराज नहीं है, तिल का ताड़ न बनाया जाए। लालू यादव मकर संक्रांति के मौके पर दही चूड़ा के निमंत्रण पर गए थे। एनडीए एकजुट है।
पाला बदलेंगे पशुपति?
