बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई सवाल तैर रहे हैं। क्या बिहार में एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है? क्या नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे? बिहार की सियासत में एक बार फिर से इसी तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। दरअसल, नीतीश कुमार बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं एमएलसी संजय मयूख के आवास पर चैती छठ के मौके पर खरना का प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के साथ विजय चौधरी, संजय झा सहित कई मंत्री भी संजय मयूख के घर प्रसाद खाने गए हुए थे। इस तरह की अटकलें इसलिए भी लग रही हैं क्योंकि महागठबंधन की सरकार बनने के साल भर पहले नीतीश कुमार कुछ इसी तरह राबड़ी आवास गए थे और इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय भी बिहार की सियासत में कयासों का बाजार गर्म हो गया था। कहा जाने लगा था कि नीतीश कुमार पलटी मारेंगे और राजद के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। तब उस वक्त यह कयासबाजी सही साबित हो गई थी। छह महीने के भीतर एनडीए का साथ छोड़कर नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए थे। और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनी थी। तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बनाए गए थे। नीतीश कुमार का छठ के मौके पर भाजपा नेता के घर जाना इसी चलते चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी खरना का प्रसाद ग्रहण करने संजय मयूख के घर गए थे। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में एक बार फिर से सियासी खेला हो सकता है। नीतीश पलटी मार सकते हैं और बिहार में फिर एनडीए की सरकार बन सकती है।
बिहार में फिर होगा खेला!
