दिल्ली के राजनीतिक गलियारों से लेकर देहरादून तक इन दिनों चर्चा जोरों पर है कि राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत को सीएम फेस बनाने का फैसला कांग्रेस आलाकमान ने लगभग ले लिया है। खबर यह भी गर्म है कि कभी भी इसकी विधिवत घोषणा स्वयं राहुल गांधी करने जा रहे हैं। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हालिया राज्य दौरे के दौरान जिस प्रकार कांग्रेस के बजाए हरीश रावत को अपने निशाने पर रखा उससे साफ हो चला है कि भाजपा नेतृत्व पूर्व सीएम रावत की दिनोंदिन बढ़ रही लोकप्रियता का काट नहीं तलाश पा रही है। अमित शाह का रावत पर हमला करना बैक फायर करता नजर आने लगा है। स्वयं हरीश रावत ने शाह को वन टू वन डिबेट करने का चैलेंज दे प्रदेश भाजपा नेतृत्व के समक्ष संकट खड़ा कर डाला है। पंजाब के प्रभारी पद से मुक्ति मिलने के बाद रावत पूरी तरह विधानसभा चुनाव तैयारी में जुट गए हैं। धामी सरकार में मंत्री यशपाल आर्या और विधायक संजीव आर्या को कांग्रेस में वापसी करा रावत ने पार्टी भीतर मौजूद अपने धुर-विरोधियों को पटखनी दे अपनी पकड़ ज्यादा मजबूत कर ली है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए कई नेता इनदिनों अपनी रिइन्ट्री के लिए हरीश रावत से संपर्क साधने में जुटे हैं। खबर यह भी गर्म है कि धामी सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत की घर वापसी के लिए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पार्टी आलाकमान से जोरदार पैरवी कर चुके हैं लेकिन हरीश रावत की सहमती न होने के चलते हाल फिलहाल ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। प्रीतम सिंह की दाल न गलती देख अब हरक सिंह बजरिए हरीश रावत कांग्रेस में अपनी रिइन्ट्री के लिए जोड़ जुगत में लगे हैं। यदि हरीश रावत तैयार होते हैं तो हरक सिंह की घर वापसी का क्रेडिट भी उन्हें ही मिलेगा। तब बेचारे प्रीतम सिंह का क्या होगा?
तब प्रीतम सिंह का क्या होगा!
