राजस्थान की लाट साहबी गए अभी एक ही दिन हुआ था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह पर कानूनी चाबुक की मार शुरू हो गई। आमतौर पर रसूखदारों के खिलाफ कार्यवाही करने से परहेज करने के लिए कुख्यात सीबीआई ने बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले की सुनवाई कर रही स्पेशल कोर्ट के सामने तत्काल ही कल्याण सिंह को सम्मन भेजने की दरख्वास्त डाल सबको चौंका दिया है। सीबीआई ने तर्क दिया है कि सिंह को 1993 में ही चार्जशीट किया जा चुका है। अप्रैल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने सिंह के संवैधानिक पद का हवाला देते हुए उनके राज्यपाल रहने की अवधि तक कार्यवाही न करने का आदेश दिया था। अब लेकिन कल्याण सिंह गवर्नर नहीं हैं इसलिए सीबीआई उन्हें अदालत में गवाही के लिए बुलाना चाहती है। खबर हालांकि यह भी है कि भाजपा के कुछ बड़े नेताओं ने बुढ़ापे में कल्याण सिंह की फजीहत कराने की नीयत से सीबीआई को त्वरित कार्यवाही के लिए दबाव डाला है। बहरहाल अब पूर्व डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के साथ-साथ कल्याण सिंह पर भी बाबरी मस्जिद ध्वंस का मुकदमा चलना तय है।
कानून की जद में कल्याण
