उत्तर प्रदेश सरकार ने गत् पखवाड़े यकायक ही राज्य के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को पद से हटा डाला। उनका हटाए जाने का कारण कार्य के प्रति लापरवाही बरतना बताया गया। योगी सरकार न उनको एक महत्वहीन विभाग में भेजने के साथ ही वरिष्ठ आईपीएस डीएस चौहान को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की कुर्सी सौंप दी है। लखनऊ में लेकिन गोयल की इस यकायक रुखसती के पीछे एक गोपनीय रिपोर्ट का होना बताया जा रहा है जिसे स्वयं गोयल ने तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी है। जानकारों की मानें तो इस अति संवेदनशील रिपोर्ट में गोयल ने पुलिस विभाग के कई अफसरों की भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। ऐसे अफसरों के पास अकूत संपत्ति होने की बात भी इस कथित रिपोर्ट में कही गई है। जानकारों का दावा है कि मुकुल गोयल को ग्यारह माह पहले दिल्ली से उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पैरवी के बाद उत्तर प्रदेश भेजा गया था। तब भी यह बात उठी थी कि गोयल सीएम योगी की पसंद नहीं हैं बाकी दिल्ली के दबाव के चलते डीजीपी बनाए गए हैं। अब कहा जा रहा है कि मुकुल गोयल को जल्द ही किसी बड़े केंद्रीय सुरक्षा बल की कमान सौंपी जा सकती है।
क्या साजिश के शिकार हुए गोयल
