केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इन दिनों राज्य के पूर्व नौकरशाहों की आत्मकथाओं से भारी परेशान बताए जा रहे हैं। दरअसल, केरल के कुख्यात सोना तस्करी मामले में आरोपी बनाए गए राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह एम. शिवाशंकर की आत्मकथा ‘अश्वत्थामा इज जस्ट एन एलिफेंट’ ने विजयन को बैकफुट में ला खड़ा किया है। अपनी इस आत्मकथा में शिवाशंकर ने राज्य सरकार पर उन्हें प्रताड़ित करने जैसे कई आरोप लगाए हैं। कभी मुख्यमंत्री विजयन के बेहद करीबी रहे इस नौकरशाह की आत्मकथा को आधार बना अब राज्य के विपक्षी दल सीएम पर न केवल निशाना साधा रहे हैं, बल्कि इस सोना तस्करी के मामले की एक बार फिर से जांच कराए जाने की बात कहने लगे हैं। सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) का मानना है कि यह आत्मकथा भाजपा के इशारे पर लिखी गई है। इतना ही नहीं विजयन के करीबी रहे एक अन्य नौकरशाह जैकब थॉमस की आत्मकथा ‘स्विमिंग विद् शार्कस’ को लेकर भी विपक्षी दल खासा शोर मचा रहे हैं। अपनी इस आत्मकथा में राज्य के सतर्कता निदेशक रहे जैकब ने विजयन सरकार को आड़े हाथों लिया है। केरल में इन दिनों कहा-सुना जा रहा है कि विजयन को खतरा विपक्षी दलों से कहीं ज्यादा ऐसे अफसरों से है जो नौकरी में रहते तो उनके विश्वास पात्र बने रहते हैं लेकिन रिटायर होने के बाद उनके कटु आलोचक बन जाते हैं।