कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ एक जमीन सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर पिछले दिनों दर्ज हुई एफआईआर इन दिनों दिल्ली के सत्ता गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। भूपेंद्र हुड्डा का राजनीतिक ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। वे अपनी जनक्रांति यात्रा के जरिए पूरे हरियाणा में खट्टर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं। इन यात्राओं के दौरान आयोजित सभाओं में उमड़ रही भारी भीड़ वर्तमान भाजपा सरकार के लिए खतरे की घंटी है। पूरे चार साल तक कोई कार्यवाही करने से बच रही खट्टर सरकार ने अब वाड्रा और हुड्डा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है तो इसका सीधा राजनीतिक निहितार्थ निकाला जा रहा है। जाहिर है यदि इस एफआईआर पर तेजी से कार्यवाही होती है तो अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा पर संकट गहरा सकता है। रॉबर्ट वाड्रा के जरिए सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी भाजपा हमला करेगी ताकि राफेल रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री को निशाने पर ले रहे राहुल गांधी बैकफुट पर आ जाएं।
वाड्रा के बहाने राजनीति
