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राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट एक बार फिर बेचैनी का कारण बन रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने चुनावी साल में सभी मुद्दों को हल करने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग की है। पिछले साल सितंबर में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गहलोत समर्थक कांग्रेस विधायकों द्वारा काफी उथल-पुथल और विद्रोह किया गया था। उपद्रव के लिए जिम्मेदार नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पायलट खेमा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। वरिष्ठ नेताओं द्वारा सुलह के प्रयासों के बावजूद, राजस्थान कांग्रेस में अशांति बनी हुई है। इससे यह चर्चा होने लगी है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा राजनीतिक शीत युद्ध जल्द ही फिर से तेज हो सकता है। पायलट ने बीते 25 सितंबर को गहलोत खेमे के विधायकों के इस्तीफे और विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के लिए जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में राजस्थान पार्टी इकाई के भीतर गुटबाजी के बारे में उनका नाम लिए बिना पायलट ने गहलोत पर निशाना साधा। गहलोत द्वारा उन्हें देशद्रोही कहने पर पायलट ने कहा, ‘उन्होंने जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया उससे सभी को बुरा लगेगा। लेकिन न तो मैंने जवाब दिया और न ही उसे आगे किया क्योंकि इससे फायदा किसका है? सवाल यह है कि विधायक दल की बैठक क्यों नहीं हुई? यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में नेतृत्व को सोचने की जरूरत है।’

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