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Sargosian / Chuckles

सिंधिया गुट के नेताओं का भूमिका नहीं होगी

मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार फरवरी के अंत में प्रस्तावित है। खबर है कि पार्टी आलाकमान नए चेहरों को आगे करने की रणनीति पर काम कर रहा है। रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है और नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। इसके लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी भी की जा रही है। तो बीते दिनों ग्वालियर के धुर विरोधी दो नेता आपस में मिले। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने बंद कमरे में बातचीत की। ग्वालियर में हुई यह गुफ्तगू करीब आधे घंटे तक चली। हालांकि मीडिया के सामने सिंधिया ने बताया कि वे पवैया की चाची को श्रद्धांजलि देने गए थे, लेकिन राजनीतिक सूत्र कहीं और इशारा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के अहम मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर मंथन हुआ है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी। पवैया पूर्व मंत्री रहे हैं और ग्वालियर क्षेत्र में उनकी व्यापक पकड़ है। इसीलिए नए मंत्रिमंडल में उनके पसंद के नेताओं को स्थान दिया जा सकता है तो वहीं सिंधिया गुट के कुछ मंत्रियों के पर कतरे जा सकते हैं। वर्तमान में शिवराज कैबिनेट में सबसे अधिक वर्चस्व सिंधिया गुट के मंत्रियों का ही है।

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