उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का ग्राफ निरंतर बढ़ रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर डाली है। योगी सरकार के कई कद्दावर मंत्री और पार्टी के कई विधायक सपा का दामन थाम चुके हैं। इस सबके मध्य अखिलेश यादव पर सहयोगी दलों का दबाव भी बढ़ने लगा है। सीटों को लेकर तालमेल बनते-बनते बिगड़ जाने के समाचार भी आ रहे हैं। सपा सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चैधरी के मध्य अविश्वास का भाव चुनावी तालमेल के बावजूद बना हुआ है। बताया जा रहा है कि सपा संग गठबंधन फाइनल होने के बाद भी छोटे चैधरी भाजपा संग बैकडोर की बातचीत कर रहे हैं। पिछले दिनों जयंत चैधरी ने दो बार भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल संग खुफिया मुलाकात की है। इतना ही नहीं जयंत के बहनोई का एक कथित स्टिंग आॅपरेशन भी सपा सुप्रीमो की दिक्कतें बढ़ाने वाला रहा है। जानकारों की माने तो इस स्टिंग आॅपरेशन में जयंत के बहनोई किसी उम्मीदवार से टिकट के बदले लेन-देन की बात करते सुने जा रहे हैं। खबर है कि यह स्टिंग एक चैनल पर प्रसारित होने जा रहा था। बुश्किल अखिलेश यादव ने ऐसा होने से रोका। सपा सुप्रीमो इस बात से भी चिंतित बताए जा रहे हैं कि भाजपा छोड़ सपाई बने नेताओं को टिकट दिए जाने के चलते पार्टी का निष्ठावान कैडर नाराज हो चला है। खबर जोरों पर है कि अखिलेश ऐसे नाराज सपाइयों को इन दिनों मनाने में जुटे हैं ताकि इनमें उपजी नाराजगी का फायदा भाजपा न ले सके।
सपा सुप्रीमो की बढ़ती मुश्किलें
