राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की खबर इन दिनों 24 अकबर रोड में कही-सुनी जा रही है। अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले सचिन पायलट को राहुल गांधी का अत्यंत करीबी माना जाता है। पार्टी सुप्रीमो का विश्वसनीय होते हुए भी राजस्थान सरकार में उनकी सुनवाई न होना और उनके समर्थक विधायकों को अशोक गहलोत द्वारा लगातार इग्नोर करना अब एक बार फिर से गर्माने लगा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार लेकिन पार्टी आलाकमान सचिन पायलट के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगा। जल्द ही राजस्थान कैबिनेट का विस्तार कर पायलट समर्थक विधायकों में कुछेक को मंत्री बनाया जा रहा है तो सचिन को दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाने के बजाय पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के आसार हैं। जानकारों का दावा है कि अगली बार पार्टी यदि चुनाव जीतती है तो सचिन ही मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे इसलिए संगठन की कमान अभी से उन्हें देने का निर्णय पार्टी आलाकमान ले चुका है। इतना ही नहीं खबरों का बाजार इस बात की तरफ भी इशारा कर रहा है कि अगले बरस राहुल गांधी यदि दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बने तो गहलोत को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिल्ली बुलाया जा सकता है और राज्य सरकार की कमान सचिन को सौंपी जा सकती है। हालांकि गहलोत इस निर्णय को मानेंगे या नहीं, इसको लेकर पार्टी में संशय की स्थिति बनी हुई है।
पायलट के बहुरेंगे दिन
