उत्तराखण्ड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट इन दिनों ‘शार्ट टेम्पर’ का शिकार बताए जा रहे हैं। नैनीताल संसदीय सीट से कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व सीएम हरीश रावत को जबरदस्त शिकस्त दे लोकसभा पहुंचे भट्ट को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा। बाजी लेकिन डाॅ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के हाथों लग गई। इतना ही नहीं भट्ट के स्थान पर किसी अन्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा भी इन दिनों देहरादून के सत्ता गलियारों में खासी सुनाई दे रही है। ऐसे में पार्टी नेताओं का कहना हे कि सौम्य स्वभाव के भट्ट खासे चिड़चिड़े यानी ‘शार्ट टेम्पर’ का शिकार हो गए हैं। खबर यह भी है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत संग पटरी नहीं बैठने के चलते राज्य सरकार में भट्ट की सुनवाई ‘निल बट्टा सन्नाटा’ हो चली है। नौकरशाह, खासकर आएएएस-आईपीएस अफसर सत्तारूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष को खास भाव नहीं दे रहे हैं। भट्ट समर्थकों का यहां तक कहना है कि कांग्रेस राज में नेता प्रतिपक्ष रहते अजय भट्ट ज्यादा पाॅवरफुल हुआ करते थे। जाहिर है, यदि ऐसा है तो बेचारे भट्ट का शार्ट-टेम्पर का शिकार होना जायज है।
तनाव में अजय भट्ट
