कोरोना काल में जैसे ही तब्लीगी जमात का मामला सामने आया केंद्र सरकार का पूरा तंत्र जमात और उसके प्रमुख मौलाना साद के पीछे हाथ धोकर पड़ गया था। गोदी मीडिया के हाल तो पूछिए मत। मौलाना साद को खलनायक बनाने में कोई कसर इसने छोड़ी नहीं। अब लेकिन खबर है कि केंद्र सरकार का मन मौलाना को लेकर बदल रहा है। खबर है कि सरकार के इस रूप चलते ही दिल्ली पुलिस मौलाना को गिरफ्तार नहीं कर रही है। दरअसल तब्लीगी जमात मुस्लिमों का ऐसा सबसे बड़ा संगठन हैं जो कभी भी आतंकवाद का सर्मथन नहीं करता। सरकार मौलाना साद के जरिए इस जमात के अनुयायियों को साधना चाहती है। दूसरी तरह यदि वह मौलाना साद को गिरफ्तार करती है तो पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है।
तब्लीगी जमात पर बैकफुट में सरकार
