लंबे समय से भाजपा सांसद वरुण गांधी बेरोजगारी, अग्निवीर योजना, किसान आंदोलन आदि मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार को घेरते रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे थे कि क्या वरुण गांधी अब आर-पार के मूड में हैं? लेकिन अब उनके सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सही रास्ते पर है या नहीं?’ इस विषय पर चर्चा के लिए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। उन्होंने न्योता ठुकराते हुए कहा कि उन्हें घरेलू चुनौतियों के बारे में विदेशी मंच पर आवाज उठाने में कोई ईमानदारी नजर नहीं आती। एक अंतरराष्ट्रीय मंच और इस तरह का कदम एक ‘अपमानजनक कृत्य’ होगा। उन्होंने चर्चा में शामिल होने के निमंत्रण पर धन्यवाद देते हुए कहा कि यह विषय ‘पूर्व निर्धारित निष्कर्ष’ के साथ तय किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी और वरुण गांधी का एक-दूसरे के लिए तेवर नरम हो गए हैं। जिसके बाद चर्चा है कि बीजेपी के ओर से वरुण गांधी का टिकट तय है। हालांकि इस पर दोनों तरफ से कोई भी खुलकर कुछ नहीं कह रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी पीलीभीत से लेकर दिल्ली तक उनकी खामोशी की चर्चा शुरू हो गई है। राजनीति के जानकारों की मानें तो बीते लंबे वक्त से जो वरुण गांधी बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे थे वह अब अचानक खामोश हो गए हैं।
वरुण के बदले सुर
