गोवा में भाजपा की सरकार है। पहली बार वर्ष 2000 में भाजपा को राज्य में सत्ता सुख मिला था। तब मनोहर पार्रिकर के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी। स्व. मनोहर पार्रिकर को गोवा में भाजपा की जड़ें मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है। 2005 में पार्टी राज्य की सत्ता से बाहर हो गई। तब वहां प्रताप सिंह राणे के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। गोवा में इस चुनाव के बाद से ही अस्थिर राजनीति का दौर शुरू हुआ। राणे सरकार 29 दिन बाद ही गिर गई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। जून, 2005 में एक बार फिर से राणे सीएम बने। 2012 के विधानसभा चुनाव बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई और पार्रिकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाए गए। 2014 में पार्रिकर को पीएम मोदी ने अपनी पहली कैबिनेट में रक्षा मंत्री बनाया। वे गोवा से केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बनने वाले पहले नेता थे। 2017 में उन्हें फिर से राज्य की राजनीति में भेज भाजपा ने सीएम बनाया। कैंसर के चलते 2019 में उनकी मृत्यु हो गई। गोवा भाजपा में इन्हीं मनोहर पार्रिकर के बेटे उत्पल पार्रिकर के चलते खासी खलबली मची हुई है। उत्पल पार्रिकर पेशे से व्यापारी हैं। अब वे अपने पिता के राजनीतिक उत्तराधिकारी बनना चाह रहे हैं। पार्रिकर सीनियर की मृत्यु बाद हुए उपचुनाव में भी उत्पल अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र से लड़ना चाह रहे थे लेकिन तब उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। पार्टी सूत्रों की मानें तो गोवा के सीएम प्रमोद सावंत उत्पल की राजनीति में इंट्री को रोकने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। उनके कहने पर ही पार्टी ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फड़नवीस के जरिए उत्पल को पिछला चुनाव लड़ने से रोका था। अबकी बार लेकिन उत्पल पार्रिकर बगावत के मूड में हैं। उन्होंने पार्टी आलाकमान तक संदेशा पहुंचा दिया है कि वे हर कीमत पर इस बार चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। उनके बगावती तेवरों के चलते पार्टी भीतर भारी खलबली मची हुई है। खबर है कि गोवा में अपने पैर जमाने को आतुर तृणमूल कांग्रेस ने उत्पल से संपर्क साध लिया है। यदि जूनियर पार्रिकर भाजपा छोड़ तृणमूल में शामिल होते हैं तो इससे भाजपा को खासा नुकसान होना तय है। स्व. मनोहर पार्रिकर का गोवा में खासा सम्मान रहा है। उत्पल को इग्नोर करना उनके पिता के चाहने वालों को नागवार गुजरेगा, इसके चलते खबर है कि भाजपा आलाकमान जूनियर पार्रिकर को साधने की कोशिशों में जुट गया है।
गोवा भाजपा में तूफान का अंदेशा
