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रोडरेज मामले में एक साल की सजा काटकर हाल ही में रिहा होने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे से मुलाकात की। उनसे मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने संकेत दिया कि वह पंजाब की राजनीति में पूरी तरह सक्रियता दिखाने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि पंजाब के लोगों के लिए काम करने के उनके संकल्प को कोई डिगा नहीं सकता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे मेंटर राहुल जी और मित्र, दार्शनिक, गाइड प्रियंका जी से आज नई दिल्ली में मुलाकात हुई। आप मुझे जेल में डाल सकते हैं, मुझे धमका सकते हैं, मेरे सभी वित्तीय खातों को ब्लॉक कर सकते हैं लेकिन पंजाब और मेरे नेताओं के लिए मेरी प्रतिबद्धता न तो झुकेगी और न ही एक इंच पीछे हटेगी! मेरे नेता न तो झुकेंगे और न ही एक इंच पीछे हटेंगे।’ सिद्धू के इस ट्वीट से यह संकेत मिलता है कि वह अब फिर से पंजाब कांग्रेस में सक्रिय होने वाले हैं। इससे एक कयास यह लगाया जाने लगा है कि क्या पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर राजनीतिक संघर्ष देखने को मिलेगा? यह संदेह इसलिए भी जताया जा रहा है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कुछ दिन पहले विदेश के दौरे से वापस लौट आए हैं। राज्य में पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले भी गतिरोध बना था। अभी भी तर्क दिया जाता है कि पंजाब कांग्रेस के बड़े नेताओं में मतभेद की वजह से ही 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार हुई थी। इधर सिद्धू की रिहाई के बाद से पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह की खामोशी साध ली है। उससे साफ है कि सिद्धू की वापसी से सूबे के कांग्रेसी नेता उत्साहित नहीं हैं। ऐसे में सिद्धू को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी देना हाईकमान के लिए नई मुश्किल भी खड़ी कर सकता है। क्योंकि बीते एक साल के दौरान पार्टी के कई दिग्गज नेता भाजपा में जा चुके हैं। वहीं प्रदेश के सीनियर कांग्रेस नेता आज भी सिद्धू को पार्टी में गुटबाजी और विधानसभा चुनाव में हार का दोषी मानते हैं लेकिन सिद्धू को पार्टी आलाकमान का आशीर्वाद प्राप्त होने के चलते सीनियर नेताओं को आशंका है कि सिद्धू को फिर से प्रदेश कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

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