[gtranslate]

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के वर्तमान निदेशक का कार्यकाल 18 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है। केंद्र सरकार की इस एजेंसी का काम कालेधन से जुड़े मामलों की जांच करना है। सीबीआई की तरह ही ईडी की कार्यशैली लगातार विवादों के घेरे में रहती आई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि वर्तमान सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ इस एजेंसी का जमकर दुरुपयोग करती है। सत्ता के गलियारों में इस आरोप की पुष्टि करते कई उदाहरण गिनाए जाते हैं। ऐसे में इस संस्था का सर्वोच्च पद पाने के लिए नौकरशाहों में जमकर कम्पीटिशन रहना स्वाभाविक है। वर्तमान ईडी एसके मिश्रा अपना दो बरस का कार्यकाल पूरा करने तो वाले हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो वे अगले दो बरस का सेवा विस्तार पाने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार को इसके लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग की सहमति चाहिए होगी। मिश्रा के स्थान पर ईडी बनने वालों में राजस्व मंत्रालय की खुफिया एजेंसी डीआरअई के वर्तमान महानिदेशक बालेश कुमार, मुख्य आयुक्त मुंबई कस्टम अमित जैन और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सचिव एसएम सहाय का नाम भी खासी चर्चा में है। चर्चा गर्म है कि केंद्र सरकार इस एजेंसी में बतौर मुखिया एसके मिश्रा को बनाए रखने के मूड में है, यदि ऐसा हुआ तो बात अलग है अन्यथा रेस में सबसे आगे एसएम सहाय बताए जा रहे हैं।

 

You may also like

MERA DDDD DDD DD