डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्य संभालने के साथ ही कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य के सरकारी तंत्र में जान फूंकने में जुट गए हैं। दक्षिण की राजनीति में आमतौर पर डीएमके और अन्नाडीएमके के मध्य एक-दूसरे के खिलाफ सत्ता में आते ही कार्यवाही करने की परंपरा रही है। स्टालिन ने विद्वेष की इस राजनीति को कोरोना महामारी के दौरान स्थगित रख सभी को चकित कर डाला है। नए मुख्यमंत्री ने अगले तीन माह तक पूरे सिस्टम को केवल इस महामारी को रोकने और जनता को राहत पहुंचाने के काम पर जुट जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य के सभी राजनीतिक दलों से भी ऐसा करने का आह्वाहन करा है। इतना ही नहीं स्टालिन ने राज्य के सभी 32 जिलों में इस महामारी से बचाव के लिए गठित कमेटियों में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल करा है। दक्षिण की हिंसक राजनीति में स्टालिन के इन कदमों को खासा सराहा जा रहा है।
स्टालिन की समझदारी
