उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने जब से पुरानी अदावत भुला कर महागठबंधन का ऐलान किया है, भारतीय जनता पार्टी की बेचैनी खासी बढ़ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि बुआ-भतीजे का यह मिलन 2019 के आम चुनाव तक टिका रहा तो भाजपा का उत्तर प्रदेश से सूपड़ा साफ हो जाएगा। शायद यह एक वजह है कि मायावती पर केंद्रीय जांच एजेसियों का शिकंजा कसने की खबरें फिजा में तैरने लगी हैं। इन दिनों बड़ी चर्चा है कि बसपा सुप्रीमो के दिल्ली स्थित पृथ्वीराज रोड वाले बंगले की खरीद-फरोख्त को गहराई से खंगाला जा रहा है। पिछले दिनों एक केंद्रीय जांच एजेंसी ने पहले तो इस डील को कराने वाले प्रोपर्टी ब्रोकर से गहन पूछताछ की फिर मायावती के एक निजी सहायक को भी इस एजेंसी ने जमकर रगड़ा। सूत्रों की मानें तो यह सब बसपा अध्यक्ष को डराने की नीयत से किया जा रहा है ताकि वे सपा संग अपना गठबंधन तोड़ दें। हालांकि खबर यह भी है कि बहिनजी ने अपना मन अब पक्का कर लिया है और वे हर कीमत पर सपा संग अपना गठबंधन बनाए रखने की ठान चुकी हैं।