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झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन इन दिनों अपने परिवार में बढ़ रही रार से खासे चिंतित बताए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी चौतरफा संकटों से जूझ रहे हैं। राज्य में गठबंधन सरकार अपने गठन के समय से ही लगातार अस्थिरता का सामना कर रही है। 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में जेएमएम के 30, कांग्रेस के 18, आरजेडी का 1, एनसीपी का 1 कम्यूनिस्ट पार्टी का 1 तो विपक्षी दलों में भाजपा के 26, आजसू के 2 और 2 ही निर्दलीय विधायक हैं। सरकार के पास कुल 51 विधायकों का हाल फिलहाल तक समर्थन है, वहीं विपक्ष में 30 विधायक हैं। हेमंत सोरेन की सरकार को सबसे बड़ा खतरा कांग्रेस के 18 विधायकों से बना हुआ है जिनमें से कई पाला बदलने को आतुर बताए जा रहे हैं। इस गठबंधन को बचाए रखने में ही सीएम सोरेन का अधिकांश समय निकलता है। ऐसे में अब नया संकट उनके घर भीतर से ही निकल कर सामने आ गया है। हेमंत के बड़े भाई स्व ़ दुर्गादास की पत्नी और पार्टी की विधायक सीता सोरेन बागी होती नजर आ रही हैं। कुछ अर्सा पहले सीता सोरेन ने पार्टी प्रमुख और अपने ससुर शिबू सोरेन से एक अपील कर राज्य का राजनीतिक तापमान गर्मा दिया। सीता ने सीनियर सोरेन से पार्टी में मौजूद ‘अराजक तत्वों’ को बाहर निकालने की अपील कर डाली। जानकारों की मानें तो उनके निशाने पर सीएम हेमंत सोरेन के कई नजदीकी हैं। इतना ही नहीं, सीता सोरेन की बेटियों ने अपने स्व ़ पिता की स्मृति में ‘दुर्गा सोरेन सेना’ का गठन भी कर दिया है। खबर जोरों पर है कि सत्ता में हिस्सेदारी की मांग कर रही सीता सोरेन कभी भी बगावत कर सकती हैं। बेचारे हेमंत सोरेन बाहर की बगावत से कहीं ज्यादा परेशान घर के भीतर की बगावत से हो चले हैं।

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