दिल्ली के सत्ता गलियारों से लेकर कोलकाता की रायटर्स बिल्डिंग तक इस बात की खासी चर्चा है कि ममता दी अपने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और तृणमूल कांग्रेस में हालिया शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राज्यसभा भेजने जा रही हैं। राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने तृणमूल के गढ़ में सेंधमारी कर पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेद्री को पार्टी में शामिल करवा डाला था। त्रिवेदी तृणमूल के राज्यसभा सांसद थे। उन्होंने पाला बदलने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। उनकी सीट के अभी चार बरस बाकी हैं। चर्चा जोरों पर है कि ममता बनर्जी यशवंत सिन्हा या प्रशांत किशोर में से किसी एक को इस सीट से राज्यसभा भेजने का मन बना रही हैं। ज्यादा संभावना यशवंत सिन्हा की बताई जा रही है। सिन्हा का कद और अनुभव तृणमूल के लिए खासा फायदेमंद साबित हो सकता है। इतना ही नहीं उनको राज्यसभा भेजने से तृणमूल को बिहार और झारखंड में भी अपनी जड़ें मजबूत करने में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ प्रशांत किशोर हैं जिन्हें इस चुनाव के लिए सफल रणनीति बनाने का श्रेय तृणमूल अध्यक्ष ने दिया है। हालांकि पीके पिछले दिनों राजनीति से संन्यास लेने की बात सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। तृणमूल सूत्रों का लेकिन मानना है कि ममता यदि उनसे अनुरोध करेंगी तो पीके अपनी सहमति दे देंगे।
सिन्हा या पीके जा सकते हैं राज्यसभा
