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पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी का दौर शुरू हो गया है। आगामी आम चुनाव को लेकर हाल ही हुई पार्टी की अहम बैठक में वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू जाने की बजाय कांग्रेस के तीन पूर्व प्रधानों लाल सिंह, शमशेर सिंह दुलों और मोहिंदर केपी से न सिर्फ मुलाकात की, बल्कि इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी कर लिखा कि पंजाब के राजनीतिक हालात पर चार पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्षों ने बैठक की। इसके बाद से ही सियासी हल्कों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सिद्धू पार्टी के लिए ऐसा सिरदर्द बनते जा रहे हैं जिसे नासूर बनने से पहले नष्ट किया जाना चाहिए। अन्यथा इसके परिणाम जैसे कि पार्टी पहले देख चुकी है उसके लिए तैयार रहे। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक खत्म होने के बाद जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से नवजोत सिंह सिद्धू की पैरेलल बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हो रही है और दूसरी तरफ अगर नवजोत सिंह सिद्धू इस तरह की बैठक करते हैं तो यह पार्टी लाइन के खिलाफ है। हालांकि इस पर नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी इसे लेकर उन्होंने कहा कि यह उनके प्रावधान में नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव और पार्टी आलाकमान इस पर कोई फैसला लेंगे या फिर पिछली बार की तरह सिद्धू को माफी मिल जाएगी? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी के भीतर गुटबाजी के चलते ही पंजाब विधानसभा का चुनाव कांग्रेस बुरी तरह से हारी थी ऐसे में यह गुटबाजी तब सतह पर आने लगी है जब कुछ ही महीनों में आम चुनाव होने हैं। अगर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा इसे नहीं सुलझाया गया तो आने वाले दिनों में यह पार्टी के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

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