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कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) गठबंधन लगातार हिचकौले खा रहा है तो इसके पीछे पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कुमार स्वामी के तल्ख रिश्तों का होना है। गत् दिनों कांग्रेस के कुछ विधायकों का भाजपा खेमे में जाना, भाजपा का अपने विधायकों को प्रदश्े से कोसों दूर गुरुग्राम हरियाणा में शिफ्ट करना आदि दरअसल सिद्धारमैया बनाम कुमार स्वामी गाथा का ही नतीजा रहा। कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि पूर्व सीएम गठबंधन से बाहर आने की सलाह राहुल गांधी को पुरजोर तरीके से दे चुके हैं। चूंकि कांग्रेस अध्यक्ष लोकसभा चुनावों से पूर्व विपक्षी एकता को हर कीमत पर बनाए रखना चाहते हैं इसलिए जद (सेक्यूलर) से बगावत कर एक दशक पूर्व कांग्रेसी बने सिद्धारमैया की सलाह पर अमल नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ उनके घोर प्रतिद्वंदी डीके शिवकुमार पर कांग्रेस आलाकमान का बढ़ता भरोसा भी सिद्धारमैया की नाराजगी का कारण बताया जा रहा है। खबर यह है कि पिछले दिनों कर्नाटक सरकार में आए संकट के मूल में असल कारण यही था जिसका फायदा भाजपा ने उठाने का प्रयास किया। खबर यह भी है कि कांग्रेस आलाकमान ने भी तुरंत भाजपा के कुछ विधायकों को अपने पाले में लाने का प्रयास शुरू कर डाला था जिसकी भनक पाते ही सभी भाजपा विधायकों को हरियाणा के एक रिसॉर्ट में भेज दिया गया। सरकार भले ही बच गई लेकिन सिद्धारमैया ने अपनी शक्ति का एहसास कांग्रेस आलाकमान को करा डाला।

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