बीते वर्ष जून के महीने में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ बगावत कर बीजेपी से हाथ मिलाया और महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन किया। उस समय दोनों गुटों को जोड़ने का काफी प्रयास भी किया गया था। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। मगर फिलहाल इस चर्चा को बल दिया है शिंदे के मंत्री दीपक केसरकर ने। दीपक ने दोनों गुटों के वापस, एकसाथ आने की संभावना व्यक्त की है जिसके बाद चर्चा जोरों पर है कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल के आसार हैं। दरअसल, शिंदे गुट के नेता और मंत्री दीपक केसरकर ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को आत्ममंथन की सलाह दी है कि पूर्व अध्यक्ष को भी आत्ममंथन करना चाहिए कि ऐसा क्या हुआ था जिससे इतने विधायक चले गए। अगर उद्धव ठाकरे आत्ममंथन करते हैं तो शिवसेना को एक होने में समय नहीं लगेगा। केसरकर के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना के दोनों गुट फिर एक हो सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल शिवसेना के करीब 40 विधायकों ने बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन में नई सरकार बना ली थी। लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री केसरकर ने शिवसेना में फूट पर कहा जो लोग बालासाहेब के विचारों के लिए लड़ते थे उनके लिए शिवसेना छोड़ना आसान नहीं था। कुछ बहुत बड़ा हुआ होगा जिससे विधायक बाहर निकल गए। जब मैं आत्ममंथन कर रहा हूं तो उद्धव ठाकरे को भी आत्ममंथन करना चाहिए कि ऐसा क्या हुआ था जिससे इतने विधायक चले गए।