विवादों में लगातार घिरे रहने का रिकार्ड बना चुका सहारा इंडिया समूह पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराने की खबर है। इस बार कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव और कोऑपरेटिव सोसाइटी विभाग के मुखिया विवेक अग्रवाल ने कारपोरेट एफेयर्स मंत्रालय को पत्र लिख कर सहारा समूह की चार सहकारी संस्थाओं के खिलाफ जांच की मांग की है। अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि जिस दौरान सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सहारा के वित्तिय लेन-देन की जांच चल रही थी और सहारा प्रमुख सुब्रतराय सहारा तिहाड़ जेल में कैद थे, ठीक उसी दौरान अपनी चार कोपरेटिव संस्थाओं के जरिए 4 करोड़ निवेशकों से 86 हजार करोड़ रूपया सहारा ने लेकर उसे अपने एक प्रोजेक्ट ‘अंबेवैली’ में डाला है। अग्रवाल का कहना है कि सहारा के शेयरों में इस रकम के जरिए गलत तरीके से उछाल लाया गया और लाभ दिखाया गया जिसके कारण चार करोड़ निवेशकों की गाढ़ी कमाई खतरे में पड़ गई है। उन्होंने वित्त मंत्रालय के अधीन जांच एजेंसी ‘सिरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस’ के जरिए पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने का सुझाव दिया है। खबर है कि सहारा समूह में इन दिनों अग्रवाल के पत्र चलते भारी खलबली का माहौल है और देश के नामचीन वकीलों को सहारा का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया जा चुका है।