भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाला संत समाज इन दिनों अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट में जगह न मिल पाने चलते पार्टी और सरकार से बेहद नाराज बताया जा रहा है।
नाराजगी इस हद तक है कि अयोध्या का संत समाज राज्य और केंद्र सरकार के नुमाइंदों से बातचीत तक करने को तैयार नहीं। इस नाराजगी के मूल में ट्रस्ट के सदस्यों में उन संतों को स्थान नहीं दिया जाना रहा है जिन्होंने नब्बे के दशक से चल रहे मंदिर निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
खबर है कि अब ये संत प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहिष्कार की रणनीति बना रहे हैं। खबर यह भी है कि भाजपा नेतृत्व ऐसे नाराज संतों को हर कीमत में मनाने का प्रयास कर रहा है।