बिहार में विधानसभा की तीन सीटों कुढ़नी, गोपालगंज और मोकामा में उपचुनाव होने हैं। चुनाव आयोग द्वारा अब तक भले ही चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई हो, लेकिन इन तीनों सीटों को लेकर राजनीति गर्म है। बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने उपचुनाव की तीनों सीटों पर ताल ठोकने की घोषणा कर भाजपा और महागठबंधन के लिए परेशानी बढ़ा दी है। इधर, सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक दलों में सीट को लेकर दावेदारी की जा रही है। गोपालगंज भाजपा की सीट रही है। अपने प्रत्याशी के निधन के बाद भाजपा वापस यहां से उम्मीदवार देने की तैयारी में है। मुकेश सहनी की वीआइपी पार्टी भी एलान कर चुकी है कि गोपालगंज में वह अपना प्रत्याशी देगी और उसका मुकाबला सीधे भाजपा प्रत्याशी से होगा। उपचुनाव की दूसरी सीट मोकामा है। इस सीट से आरजेडी उम्मीदवार अनंत सिंह ने चुनाव जीता था, लेकिन घर में ए के 47 रखने के आरोप में उन्हें आरोपी करार दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई। इस सीट पर आरजेडी अपनी दावेदारी जता रही है वहीं, मोकामा को जेडीयू अपनी परंपरागत सीट बताकर दावा ठोक रही है। वीआईपी भी यहां प्रत्याशी उतारेगी। मुजफ्फरपुर की कुढ़नी सीट से आरजेडी प्रत्याशी अनिल सहनी ने बीते चुनाव जीत दर्ज कराई थी, लेकिन एलटीसी घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद सहनी की सदस्यता रद्द होना तय माना जा रहा है। कुढ़नी सीट निषाद बहुल सीट है। आरजेडी यहां से अपना प्रत्याशी देगी। निषाद वोट बैंक पर दावा करने वाली वीआईपी पार्टी भी इस सीट से उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुकी है भाजपा भी यहां से किस्मत आजमाएगी। वीआईपी फिलहाल किसी गठबंधन में नहीं है। ऐसे में कहा जा रहा है कि तीनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव भाजपा और महागठबंधन की प्रतिष्ठा की परीक्षा जैसे होंगे। ऐसी स्थिति में भाजपा को जहां गोपालगंज सीट को बचाए रखने की चुनौती है वहीं आरजेडी के लिए मोकामा और कुढ़नी की सीट प्रतिष्ठा से जुड़ा है। राजद के पास अभी सबसे अधिक विधायक हैं, ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगी कि उसके विधायकों की संख्या कम हो।