बिहार की राजनीति के गलियारों में एक बार फिर बीजेपी नेता आरसीपी सिंह की घर वापसी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से उदासीन हो चुके आरसीपी अब अपनी राजनीति को नया रंग देना चाहते हैं। नीतीश कुमार का विरोध कर बीजेपी में आए आरसीपी को निराशा तब हुई जब नीतीश फिर से एनडीए का हिस्सा बने। जब आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल हुए तब कहा जा रहा था कि वे नीतीश के विरुद्ध अपनी राजनीति को अंजाम देना चाहते हैं और इस उम्मीद लिए भाजपा में आए थे आरसीपी की पहली उम्मीद थी कि उन्हें संगठन में कोई बड़ा पद दिया जाएगा। लेकिन भाजपा ने इस बार भीम सिंह और धर्मशिला गुप्ता को राज्यसभा भेजकर आरसीपी की नाराजगी बढ़ा दी है। एक उम्मीद यह भी थी कि भाजपा उन्हें नालंदा लोकसभा से चुनाव में उतार सकती है। मगर एनडीए में जदयू के आ जाने के बाद यह बची खुची उम्मीद भी चली गई। ऐसा इसलिए कि नालंदा जदयू की सीटिंग सीट तो है ही साथ ही नीतीश का गृह क्षेत्र भी है। गौरतलब है कि जब से राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ललन सिंह से नीतीश कुमार की नाराजगी की खबर राजनीतिक गलियारों में आई तभी से वह घर वापसी की राह देखने लगे थे। कहा जाता है कि आरसीपी की जदयू छोड़ने की वजह ललन सिंह थे। उन्हीं के कारण वे जदयू छोड़ भाजपा में आए थे। इस बीच जदयू नेता संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी और आरसीपी की मुलाकात को भी राजनीतिक गलियारों में काफी तरजीह दी जा रही है। अब देखना यह है कि कब और कैसे आरसीपी की जेडीयू में वापसी होगी।