पश्चिम बंगाल में भाजपा को करारी शिकस्त दे राज्य की तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मध्य बेहद तल्ख रिश्तों का असर गणतंत्र दिवस समारोह कार्यक्रम पर भी पड़ा। दीदी का कहना है कि केंद्र सरकार ने जानबूझ कर इस समारोह में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया। राज्य सरकार की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर केंद्रित थी। केंद्र सरकार ने दीदी को इससे बड़ा झटका इंडिया गेट पर नेताजी की 25 फुट ऊंची प्रतिमा को लगाए जाने की घोषणा कर दे डाला। दरअसल 1971 के भारत-पाक युद्ध मे शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में जल रही अमर जवान ज्योति को सरकार ने इस वर्ष राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थल में शिफ्ट कर दिया है। उसके स्थान पर ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल प्रतिमा लगाए जाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। दीदी भला कहां खामोश बैठने वाली थीं। उन्होंने भी घोषणा कर डाली है कि राज्य सरकार प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों का नाम
नेताजी के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने कोलकात्ता में आजाद हिन्द स्मारक और संग्राहलय बनाए जाने का ऐलान भी कर दिया है। इतना ही नहीं ममता बनर्जी सरकार ने हर बरस नेताजी के जन्म दिन पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किए जाने का फैसला ले डाला है। तृणमूल सूत्रों की माने तो दीदी किसी भी सूरत में भाजपा को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बहाने पश्चिम बंगाल में अपनी जड़े मजबूत करने से रोकना चाहती हैं। यही कारण है की दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा नेताजी की आदमकद् प्रतिमा लगाए जाने का जवाब दीदी ने अपने अंदाज में दे डाला है।
दीदी-मोदी में जारी है रार
