कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजनीति में अतिथि कलाकार की भूमिका में रहते आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष रहते भी वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सहज उपलब्ध नहीं होते थे।
उनकी विदेश यात्राएं भी मीडिया में चर्चा का विषय बन कांग्रेस को बैकफुट में लाती रही हैं। अब पार्टी मुख्यालय से छनकर निकल रही खबरों से लगता है कि राहुल दोबारा पार्टी अध्यक्ष पद न स्वीकारने का मन बना चुके हैं।
हालांकि, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पूरी जी-जान से मृतप्राय पार्टी में जान फूंकने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन सफलता उनसे कोसों दूर है।
इस बीच समाचार है कि राहुल गांधी ने अपना मोबाइल नंबर बदल डाला है जिसके चलते पार्टी के वरिष्ठ नेता भी उनसे संपर्क कर पाने में असमर्थ हो चले हैं।
जानकारों की माने तो राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में चल रहे सत्ता संघर्ष से भी दूरी बना ली है। ऐसे में पार्टी को अब प्रियंका का ही आसरा बाकी रह गया है।