सांसदी बहाल होने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने पुराने बंगले यानी 12, तुगलक लेन में लौटेंगे या नहीं? इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। इसी बीच लोकसभा की हाउसिंग कमेटी को भी इस संबंध में राहुल की तरफ से जवाब दिए जाने की 15 दिनों की मियाद खत्म हो गई है। फिलहाल, वायनाड सांसद ने आधिकारिक तौर पर बंगले में वापसी को लेकर कुछ नहीं कहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेता ने आवंटन को पूरी तरह से अस्वीकार नहीं किया है। साथ ही इन संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया है कि राहुल बंगले में न लौटें। दरअसल इसके पीछे उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का तरीका बताया जा रहा है, जिसके तहत उनकी लोकसभा की सदस्यता गई और साथ ही उन्हें बंगला खाली करने के लिए कहा गया। खास बात है कि राहुल इस बंगले में साल 2005 से रह रहे थे। लेकिन सांसदी जाने के बाद उनसे यह बंगला भी छिन गया था। अब सांसदी बहाली के साथ ही उन्हें बंगला भी वापस हो गया है। मगर चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस नेता अपने नए बंगले के तौर पर छोटी जगह की भी तलाश कर रहे हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह सात सफदरजंग लेन बंगले में भी शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि अब तक पार्टी की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। गौरतलब है कि साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली में राहुल ने ‘मोदी’ सरनेम को लेकर टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस किया था। 2023 में सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को इस मामले में दोषी माना था। बाद में गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से भी दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थीं।
तुगलक लेन से हुआ राहुल का मोहभंग
