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नेताओं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से खासे नाराज बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों राजस्थान के रूपनगढ़ में आयोजित किसान रैली के दौरान सचिन पायलट के समर्थकों ने अपने नेता के समर्थन में जमकर नारेबाजी कर राहुल गांधी को गुस्सा दिला दिया था। सचिन के समर्थकों ने एक बार भी राहुल और गहलोत के पक्ष में नारे नहीं लगाए। इतना ही नहीं बड़े नेताओं के भाषण के दौरान भी नारेबाजी चलती रही। राहुल की नाराजगी भांप तब प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने पायलट को मंच छोड़ने की सलाह दी ताकि उनके समर्थकों की नारेबाजी रोकी जा सके। पायलट मंच से तो उतर गए लेकिन इससे उनके समर्थक ज्यादा नाराज हो गए। दूसरी तरफ अशोक गहलोत से भी राहुल की नाराजगी बढ़ने की खबर है। सूत्रों की मानें तो गहलोत निर्देश मिलने के बाद भी न तो सचिन को मंत्रिमंडल में शामिल कर रहे हैं, न ही उनके समर्थक विधायकों को सरकार में एडजस्ट करने को तैयार हैं। सरकार की कई कमेटियों में पद खाली होने के बावजूद गहलोत का आलाकमान की न सुनना और राहुल गांधी के खिलाफ 2014 में अमेठी से चुनाव लड़ चुके आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास की पत्नी को राज्य लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाना आलाकमान को खास नहीं सुहाया है। खबर है कि राहुल के तेवरों को भांपने के बाद दोनों नेता कुछ लाइन पर आए हैं। गत् शनिवार श्री डुंगरगढ़ और चितौड़गढ़ में आयोजित किसान सभाओं में गहलोत-पायलट एक साथ एक हेलीकाप्टर में संवार हो पहुंचे ताकि प्रदेश कांग्रेस में एकजुटता का संदेश जा सके।

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