81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा का कार्यकाल इस वर्ष समाप्त हो जाएगा। नवम्बर-दिसम्बर में यहां विधानसभा चुनाव होने तय हैं। ऐसे में भाजपा ने अभी से चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को पार्टी में शामिल कराने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह खासा बढ़ गया है। इस बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है कि वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एक बार फिर से सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो गत् वर्ष पार्टी आलाकमान ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को फ्री हैंड देने की नीयत से रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बना प्रदेश की राजनीति से दूर करने का प्रयास किया था। दास ने तब राज्यपाल पद स्वीकार भी कर लिया था लेकिन उन्हें राजभवन की शान-शौकत रास नहीं आ रही है और वे वापस राजनीति के अखाड़े में उतरने के लिए आतुर हो चले हैं। जमशेदपुर पूर्वी सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे रघुवर दास 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय से परास्त हो गए थे। अब संकट यह कि सरयू राय गत् माह जदयू में इस शर्त के साथ शामिल हुए हैं कि उन्हें इसी सीट से गठबंधन का प्रत्याशी बनाया जाएगा। खबर है कि दास ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भेंटकर सक्रिय राजनीति में वापसी की बात कह भी डाली है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरयू राय एक बार फिर से बतौर निर्दलीय मैदान में उतरेंगे या फिर रघुवर दास को राज्यपालल बने रहने आौर सक्रिय राजनीति से दूर रहने के निर्देश पार्टी आलाकमान जारी करेगा।