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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल दलों के मध्य तनाव गहराने के समाचार हैं। जानकारों का कहना है कि एक तरफ शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर उनकी पार्टी के कई नेता इस गठबंधन से अलग होने और भाजपा संग दोबारा हाथ मिलाने के लिए दबाव बनाए हुए हैं तो दूसरी तरफ गठबंधन में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के मध्य दिनों दिन बढ़ रही रार का असर भी इस बेमेल गठबंधन पर पड़ने लगा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने सार्वजनिक रूप से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को ‘महत्वहीन नेता’ कह इस रार को वॉर में बदलने का काम कर डाला है। दरअसल पिछले दिनों नाना पटोले ने यह कहकर सनसनी मचा डाली थी कि अगले वर्ष होने जा रहे वृहद मुंबई नगर पालिका चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी। इसके बाद से ही लगातार पटोले ने सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने, कांग्रेस को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं पटोले ने कांग्रेस नेताओं के फोन टेप कराए जाने का आरोप अजीत पवार पर लगा डाला है। पटोले के आरोपों से तिलमिलाए शरद पवार ने गत् सप्ताह उन्हें ‘छोटा और महत्वहीन नेता’ करार दे दिया। भाजपा ने इस रार-तकरार पर चुटकी लेते हुए इसे कांग्रेस की बेइज्जती कह डाला है। सूत्रों का दावा है कि शिवसेना और भाजपा के मध्य जल्द ही सुलह के आसार हैं। यदि ऐसा हुआ तो एक बार फिर से महाराष्ट्र में सेना-भाजपा सरकार का गठन होना तय है। सूत्रों का यह भी दावा है कि इस बार भाजपा शिवसेना की शर्तों पर गठबंधन के लिए तैयार है। इन शर्तों में सबसे महत्वपूर्ण पूरे पांच बरस उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री बने रहना और केंद्र सरकार में सेना के मंत्रियों की इन्ट्री होना शामिल है।

मनोज तिवारी और हेमेश खर्कवाल भी दौड़ मेंhttps://thesundaypost.in/sargosian-chuckles/manoj-tiwari-and-hemesh-kharkwal-are-also-in-the-race/

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