तृणमूल कांग्रेस की सर्वेसर्वा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी और पार्टी के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी के मध्य बढ़ रहे तनाव से खासी चिंतित बताई जा रही हैं। ममता के खासे करीबी श्रीरामपुर संसदीय सीट से सांसद कल्याण बनर्जी ने अभिषेक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गौरतलब है कि तृणमूल गठन के समय से ही ममता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वाले नेताओं की बनिस्पत ममता अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को ज्यादा तवज्जों देने लगी हैं। अभिषेक इसके चलते पार्टी में नंबर दो की हैसियत पर आ पहुंचे हैं। तृणमूल सूत्रों की मानें तो अभिषेक के इस जलवे चलते ममता बनर्जी के पुराने साथी खासे नाराज हैं। इन पुराने नेताओं का मानना है कि परिवार मोह में फंसी ममता अब सारे बड़े फैसले अभिषेक से सलाह-मशविरा कर लेने लगी हैं जिसका खासा निगेटिव इफेक्ट तृणमूल के समर्पित कैडर पर पड़ रहा है। खबर जोरों पर है कि अभिषेक पार्टी भीतर अपना गुट बनाने में जुटे हैं। ममता के बेहद करीबी कल्याण बनर्जी ने इससे नाराज हो अभिषेक का खुला विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने अभिषेक को अपना नेता मानने से यह कहकर इंकार कर डाला है कि वे अभिषेक को तभी नेता मानेंगे जब उनके नेतृत्व में त्रिपुरा और गोवा के विधानसभा चुनाव में पार्टी जीत दर्ज कराएगी। जानकारों की मानें तो कल्याण बनर्जी ने बहुत सोच-समझकर ऐसा बयान जारी किया है। दरअसल, गोवा और त्रिपुरा में पार्टी को विस्तार देने की जिम्मेदारी दीदी ने अभिषेक को सौंपी है। यदि गोवा में तृणमूल का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा तो अभिषेक के खिलाफ पार्टी भीतर विरोध के स्वर मुखर होने की पूरी संभावना है। कल्याण बनर्जी के बयान से तिलमिलाए अभिषेक ने भी पलटवार के लिए अपने भाई आकाश बनर्जी को मैदान में उतार दिया है। आकाश ने कल्याण बनर्जी के बजाय 2024 में किसी अन्य तृणमूल नेता को श्रीरामपुर से टिकट दिए जाने की बात कह डाली है। खबर गर्म है कि दीदी पार्टी भीतर अपने भतीजे के खिलाफ मुखर हो रही आवाजों से बेहद परेशान हैं। ममता इस मुद्दे पर अपने पुराने साथियों संग बात करने वाली हैं।
ममता के कुनबे में रार-तकरार
