राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय की तरफ से सांसद के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इससे पहले उन्हें सूरत के एक कोर्ट ने मानहानि के एक मामले पर दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि कांग्रेस के पास विकल्प खुले हैं। वे इस फैसले को हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है। यदि दोनों ही अदालतों से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलती तो उनकी मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी। जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रभावी होने पर वे लगातार आठ सालों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल गांधी का चुनावी उत्तराधिकारी कौन होगा? इस पर कयास लगाए जा रहे हैं कि वायनाड की रिक्त हुई सीट पर कांग्रेस अपनी रणनीति के मुताबिक एआईसीसी की मौजूदा महासचिव प्रियंका गांधी को उतार सकती है। हालांकि इस तरह का कोई भी एलान कांग्रेस की तरफ से नहीं किया गया है। इसके बावजूद इस बात की पूरी संभावना है कि राहुल की जगह कोई और नहीं, बल्कि प्रियंका गांधी ही लेंगी। इस तरह देखा जाए तो अगर प्रियंका चुनाव लड़ने को राजी हो जाती हैं तो यह उनके सियासी जीवन का पहला चुनाव होगा।