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दिल्ली के सत्ता गलियारों में कहा-सुना जा रहा है कि रूस-यूक्रेन मसले पर विदेश मंत्रालय की कार्यशैली से प्रधानमंत्री मोदी बेहद नाखुश हैं। कहा जा रहा है कि विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री को इस अति महत्वपूर्ण मसले पर सही तरीके से जानकारी नहीं दी। इतना ही नहीं यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को भी सही सलाह नहीं देने चलते पीएम मोदी विदेश मंत्रालय से नाखुश हैं। जानकारों की मानें तो इस मसले पर बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति की बैठक में इसी चलते केंद्रीय तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को विशेष आमंत्रित सदस्य के बतौर बुलाया गया ताकि उनके जरिए सही जानकारी मिल सके। ये दोनों मंत्री इस समिति के सदस्य नहीं हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री की सलाह पर जिन चार मंत्रियों को ‘ऑपरेशन गंगा’ के अंतर्गत भारतीयों की सुरक्षित वापसी का जिम्मा सौंपा गया उनमें से कोई भी विदेश मंत्रालय से नहीं था। गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय में एक कैबिनेट मंत्री व तीन राज्य मंत्री हैं। लेकिन इनके बजाए केंद्र सरकार ने अन्य मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप प्रधानमंत्री ने नाराजगी का खुला इजहार कर डाला है। खबर जोरों पर है कि विदेश मंत्री एस ़जयशंकर पर जल्द ही इसकी गाज गिर सकती है।

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