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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एक रिटायर नौकरशाह का जलवा दूसरे रिटायर नौकरशाहों से कहीं ज्यादा नजर आ रहा है। मोदी-1 में सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पूर्व आईपीएस अजीत डोभाल सबसे ताकतवर माने जाते थे। प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा की गिनती डोभाल के बाद ही होती थी। नृपेंद्र मिश्रा के बाद इस सरकार में पी-के- सिन्हा पीएम के प्रमुख सचिव बनाये गये। पूर्व केविनेट सचिव पी-के- सिन्हा को प्रधानमंत्री का प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया गया। इन तीनों पूर्व नौकरशाहों को केविनेट मंत्री का दर्जा देकर पीएम ने अपने मंत्री मंडलीय साथियों के भीतर भारी बैचेनी पैदा कर डाली। अब ताजा खबर यह है कि अजीत डोभाल और पीके मिश्रा से कहीं ज्यादा पी-के-सिन्हा इस सरकार में प्रभावशाली हैं। पीएम कार्यालय में उन्हें आर्थिक और ऊर्जा से संबंधित सारे मंत्रालय की देख-रेख का जिम्मा सौपा गया है। पी-के- मिश्रा से जुड़े विभाग हैं तो डोभाल पहले की भांति राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े ममलों के प्रभारी हैं। खबर है कि अमित शाह के गृहमंत्री रहते अब डोभाल का जलवा काफी कम हो चुका है।

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