बिहार को बदलने का दावा करने वाले चुनाव विशेषज्ञ प्रशांत किशोर हालिया संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव से पूरी तरह नदारद रहे। उन्होंने इन दिनों अपना अड्डा पश्चिम बंगाल में बना लिया है। भाजपा के राज्य में बढ़ रही लोकप्रिता से घबराई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब पीके के सहारे 2021 का चुनाव प्रबंधन करने में जुटी हैं। तृणमूल कांग्रेस में लेकिन पीके की कार्यशैली के चलते पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा असंतोष पनपने के सामचार हैं। खबर है कि कई बड़े तृणमूल नेताओं को आशंका है कि पीके की सलाह मान ममता उनका टिकट काट सकती हैं। ऐसे में अफवाहों का बाजार गर्म है कि कई बड़े तृणमूल नेता भाजपा में जाने का रास्ता खोजने लगे हैं। खबर यह भी गर्म है कि कभी ममता के बेहद करीबी रहे पूर्व तृणमूल नेता मुकुल राय को भाजपा नेतृत्व ने ऐसे असंतुष्ट नेताओं के संपर्क में रहने का काम सौंपा है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि मुकुल राय सबसे पहले ममता सरकार में मंत्री शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में लाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि वे इसमें सफल हो जाते हैं तो राऊंड दो शुरू होगा जिसमें कई सिटिंग तृणमूल विधायकों के साथ-साथ पूर्व विधायक, सांसद, यहां तक कि ब्लाॅक स्तर तक के तृणमूल नेताओं की भाजपा में इन्ट्री कराई जायेगी। मुकुल राय को तृणमूल के साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी भाजपा में लाने की जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि ऐसे नेताओं के आने से पार्टी को राज्य की सभी 294 सीटों में दमदार प्रत्याशी चुनने में आसानी होगी।