लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी तेज कर दी है। 25 सितंबर को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) देवीलाल की जयंती मनाएगी। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के बड़े नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे जिसके बाद इनेलो इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। अगर ऐसा होता है तो हरियाणा की राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने पहले तो तीसरा मोर्चा बनाने की बात कही। इसके बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से गठबंधन की इच्छा भी जाहिर की। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द इनेलो इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। पार्टी के एकमात्र विधायक और वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ने 24 फरवरी को नूंह से पदयात्रा शुरू की थी। इस पदयात्रा का समापन 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती पर कुरुक्षेत्र में होगा। चर्चा है कि इस बार ताऊ देवीलाल की जयंती के दिन अभय चौटाला विपक्षी नेताओं को मंच पर लाने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि साल 2022 में इनेलो ने फतेहाबाद में ताऊ देवीलाल की जयंती का कार्यक्रम रखा था। इस दौरान कई दिग्गज नेता कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, पंजाब के उपमुख्यमंत्री रहे सुखबीर सिंह बादल और जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी भी शामिल थे। अब ये सभी नेता इंडिया गठबंधन के बैनर तले खड़े हैं। अगर ये नेता 25 सितंबर को कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, इनेलो इंडिया गठबंधन में अपनी भूमिका को भी पुख्ता करना चाहेगी। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि हरियाणा की दृष्टि से इनेलो अगर गठबंधन में शामिल भी हो जाती है तो उसका वर्तमान में फायदा कांग्रेस से ज्यादा इनेलो को ही हो सकता है, क्योंकि अभी मात्र एक विधायक वाली पार्टी है तो वो गठबंधन में शामिल होकर उसका लाभ उठाने की कोशिश करेगी।