गठबंधन और समीकरण सियासत की फिलहाल अनिवार्य आवश्यकता बन गए हैं। हर दल सियासी समीकरणों के सहारे चुनावी नैया पार करना चाहता है। एनडीए ने ढ़ाई दर्जन से ऊपर राजनीतिक पार्टियों को लेकर गठबंधन बनाया है तो दो दर्जन के करीब दलों को लेकर विपक्ष ने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है। लेकिन ये विपक्षी एकता बनने के साथ ही बिखराव के रुझान भी आने लगे हैं। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन में रहते हुए आपस में ही जोर आजमाइश शुरू कर दी है वहीं दूसरी तरफ इसी महीने होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को राजनीतिक विश्लेषक अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रहे थे, उन्हें अब समझ में नहीं आ रहा कि सेमीफाइनल इंडिया और एनडीए में हो रहा है या फिर विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों के बीच? गौरतलब है कि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच मध्य प्रदेश में आपसी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को किनारे कर दिया तो समाजवादी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस को चुनौती दे डाली। तीखे व्यंग्य बाण भी दोनों ओर से चलने लगे हैं। इस बीच बिहार की सत्ता पर काबिज जेडीयू ने भी मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर विपक्षी गठबंधन के बीच तल्खी का इजहार कर दिया है। अभी तक इतना ही माना जाता था कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन में अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच की जंग में जेडीयू प्रत्याशियों की घोषणा से अब यह बात सार्वजनिक हो गई है कि नीतीश नाराज ही नहीं, बल्कि विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचाने में भी पीछे नहीं रहने वाले। नीतीश कुमार की जो खासियत है वह बेहद गुस्से में होने पर भी चुप रहते हैं। हालांकि उनमें भी अब परिवर्तन आ गया है। इस बीच नीतीश ने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे लोग कांग्रेस को गठबंधन में आगे बढ़ा रहे थे। मगर राहुल गांधी को पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों से फुर्सत नहीं है। ऐसे में गठबंधन पर बात नहीं हो पा रही है। विधानसभा चुनावों के बाद में इस पर बात करेंगे। सीएम नीतीश के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन में बिखराव की स्थिति पैदा हो गई है।
टूटने की कगार पर विपक्षी गठबंधन
