आपातकाल का वह दौर जब पूरे देश में इंदिरा गांधी और संजय गांधी के खिलाफ गुस्सा था, और फिर 19 दिसंबर 1978 का वह दिन जब इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी हुई थी, को छोड़ दिया जाय तो आजादी के बाद गांधी परिवार के लिए, व्यक्तिगत स्तर पर शायद ही कोई बड़ी चुनौती खड़ी हुई है। लेकिन इस समय ‘नेशनल हेराल्ड’ और ‘यंग इंडियन’ केस में ईडी के हर रोज बढ़ते शिकंजे ने गांधी परिवार को अब तक के सबसे बड़े मुश्किल में डाल दिया है। और यह मुश्किल अगर और बढ़ी तो इसका असर कांग्रेस पार्टी पर भी सीधे तौर पर दिखाई देगा। भले ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद करीब तीन साल से खाली हो लेकिन पार्टी की राजनीति गांधी परिवार के ही इर्द-गिर्द घूमती रहती है। 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ दो ऐसे राज्य हैं जहां पर उनकी सरकार है। जबकि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करने के बाद वह गंवा चुकी है। ईडी की तलवार सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों पर लटक रही है। और भाजपा इसी को लेकर लगातार हमला करती रहती है। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी भ्रष्टाचार के केस में जमानत पर बाहर हैं। जाहिर है जिस तरह हाल के दिनों में ईडी ने राहुल और सोनिया गांधी से पूछताछ के साथ नेशनल हेराल्ड का ऑफिस सील किया उससे माना जा रहा है कि ईडी के पास केस को लेकर पुख्ता सबूत हैं। और इसको लेकर आने वाले दिनों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।