बिहार में पिछले दिनों सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में छापेमारी की थी। इस दौरान आरजेडी के कई नेताओं के घरों और अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए थे। इस बीच खबर है कि बिहार सरकार सीबीआई को जांच की मंजूरी पर रोक लगा सकती है। यदि ऐसा होता है तो सीबीआई को बिहार में जांच के लिए पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। इससे पहले बंगाल और कई अन्य राज्यों ने भी ऐसा फैसला लिया था। आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस का सत्ताधारी गठबंधन लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है। दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेबलिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत सीबीआई का गठन हुआ था। इसके मुताबिक सीबीआई के लिए यह जरूरी है कि वह किसी भी राज्य में जांच के लिए पहले प्रदेश सरकार से अनुमति ले। अब तक 9 राज्यों ने सीबीआई को दी यह मंजूरी वापस ले ली है। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, मेघालय शामिल हैं। ऐसे राज्यों की संख्या इनमें ज्यादा हैं, जो विपक्ष द्वारा शासित हैं। आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ कर रही है, उसे देखते हुए बिहार सरकार को एजेंसी को जांच की मंजूरी वापस ले लेनी चाहिए। इसके अलावा बिहार सरकार को अदालत का रुख भी करना चाहिए। वहां उसे इस बात को उठाना चाहिए कि कैसे सीबीआई का गलत इस्तेमाल केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है।
बिहार में सीबीआई की नो एंट्री!
