राजस्थान में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर अभी भी फाइनल रुट चार्ट जारी होने का इंतजार है। 3 दिसंबर को प्रदेश में प्रवेश करते हुए जो रुट चार्ट अभी तक बनाया गया था वह गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों से होकर गुजर रहा था। लेकिन इस बीच गुर्जरों की यात्रा का विरोध जताने की चेतावनी के बाद इस रुट चार्ट में बदलाव की कवायद के चलते राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की राजस्थान में एंट्री से पहले सियासी पारा गरमाने लगा है। चर्चा जोरों पर है कि गहलोत-पायलट गुट के समर्थकों में गुटबाजी और खींचतान के साथ ही गुर्जर और ओबीसी आरक्षण को लेकर अलग-अलग समाजों के सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से माहौल और ज्यादा गर्माया हुआ है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ऐसी स्थिति में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को राजस्थान से शांतिपूर्ण निकालना गहलोत सरकार और कांग्रेस संगठन के लिए चुनौती बन गई है। दरअसल गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले विजय बैंसला गुट ने आरक्षण के लंबित मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। समाज के इस गुट ने मांगे मनवाने के लिए ऐसा मौका तलाशा है जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ लेकर राजस्थान में प्रवेश करने जा रहे हैं। गुर्जर नेता विजय बैंसला ने एमबीसी आरक्षण से जुड़े लंबित मुद्दों का समाधान नहीं निकाले जाने की स्थिति में राहुल गांधी और यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देने की चेतावनी दी हुई है। यात्रा के रुट चार्ट में बदलाव को लेकर राजस्थान के साथ ही केंद्रीय संगठन के नेता अलर्ट मोड पर आ गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ महाराष्ट्र दौरे के दौरान राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं सचिन पायलट भी राजस्थान में यात्रा का रुट चार्ट फाइनल करने के लिए दिल्ली में अन्य नेताओं के साथ लगातार विचार कर रहे हैं। ऐसे में रुट चार्ट में संभावित बदलाव पर गुर्जर समाज की भी नजरें टिकी हुई हैं। विरोध की चेतावनी दे चुके गुर्जर नेताओं ने साफ किया है कि भले ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के रुट में बदलाव किया जा रहा हो, लेकिन उनका विरोध तो होकर रहेगा।
राजस्थान में ‘यात्रा’ की नो एंट्री
