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Sargosian / Chuckles

एनसीपी-कांग्रेस शिवसेना का एक ही विचारधारा

महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र अपने अंतिम पड़ाव में है। सदन में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कांग्रेस ने अपना दावा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास पेश किया है। विजय वडेट्टीवार के नाम का यह पत्र कांग्रेस की ओर से राहुल नार्वेकर को दिया गया है। इस दौरान कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और वर्षा गायकवाड़ मौजूद थीं। इस दौरान कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष नाना पटोले मौजूद नहीं थे, पटोले की गैर मौजूदगी की वजह से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी भी उजागर हुई है। गौरतलब है कि नाना पटोले के महाराष्ट्र अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनके काम करने के तौर-तरीकों पर कई बार आपत्ति जताई है। खासकर नाना पटोले के बयानों ने पार्टी को कई बार मुश्किलों में भी डाला है और हर बार बालसाहेब थोरात, अशोक चव्हाण जैसे नेताओं को आगे आकर सफाई देनी पड़ी है। वहीं पार्टी आलाकमान के पास भी कई बार इन नेताओं ने अपनी नाराजगी साफ तौर पर जाहिर भी की है। विधानसभा में अजित पवार की बगावत के बाद नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस की ओर से होना तय था क्योंकि विपक्षी दलों में फिलहाल सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ही है। नियम के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के पास ही रहेगा। लेकिन नाना पटोले की गैर-मौजूदगी पर न सिर्फ कांग्रेस के भीतर कि गुटबाजी नजर आ रही है, बल्कि विपक्ष भी विधानसभा में बंटा हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस में आने वाले समय में कई बड़े बदलाव सहित नए चेहरे भी संगठन में मौका पा सकते हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को अध्यक्ष पद से हटाने की चर्चा काफी दिनों से चल रही है। उनकी जगह पर पश्चिम महाराष्ट्र से मराठा चेहरा देने पर पार्टी के भीतर विचार मथन चल रहा है। आगामी 2024 के चुनाव में संगठनात्मक बदलाव भी दिखाई देने वाले हैं, लेकिन पार्टी के भीतर इस गुटबाजी का खमियाजा 2024 के चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता है।

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